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Showing posts from March 4, 2018

जहां असंज्ञेय अपराध शामिल हैं, मजिस्ट्रेट पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र का संज्ञान नहीं ले सकते

 इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक निर्णय में कहा है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 2 (डी) के अनुसार, जहां असंज्ञेय अपराध शामिल हैं, मजिस्ट्रेट पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र का संज्ञान नहीं ले सकते, इसके बजाय इसे शिकायत के रूप में माना जाना चाहिए। न्यायमूर्ति सैयद आफताफ हुसैन रिजवी ने विमल दुबे और एक अन्य द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 482  के अंतर्गत दायर याचिका को स्वीकार कर ये निर्णय दिया। आवेदकों के अधिवक्ता ने मुख्य रूप से तर्क दिया कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 323 और 504 के अंतर्गत एक एनसीआर पंजीकृत किया गया था और उसके बाद जांच की गई और आवेदकों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया।  यह तर्क दिया गया कि मजिस्ट्रेट ने पुलिस रिपोर्ट को देखे बिना और कानून के प्रावधानों के खिलाफ अपराध का संज्ञान लिया, क्योंकि धारा 2 (डी) सीआरपीसी के अनुसार, यदि जांच के बाद पुलिस रिपोर्ट में असंज्ञेय अपराध का खुलासा होता है, तो यह शिकायत के रूप में माना जाना चाहिए और जांच अधिकारी/पुलिस अधिकारी को शिकायतकर्ता माना जाएगा और शिकायत मामले की प्रक्रिया का पालन किया जाना है। धारा 2(डी) सीआरपीसी के प्रावध

हिन्दू कौन है /Who is Hindu

                   हिन्दू का अर्थ :-                 प्रारम्भ में हिन्दू शब्द का प्रयोग भारत देश के निवासियों के लिए किया जाता था। शब्द हिन्दुस्तान इसी बात का द्योतक है। यह शब्द विदेशियों द्वारा दिया गया है। इसकी उत्पत्ति सिन्धू शब्द से हुई है। विदेशी आक्रान्ता जो प्रारम्भ में पंजाब तक आये थे, ने ही यहाँ के निवासियों और इस देश का नाम रखा था। फारस लोग 'स' को 'ह' कहते थे। इसलिए वे सिन्धू के पूरब में रहने वाले लोगों को हिन्दू और सिन्धू के पूरब के भू-भाग को हिन्दुस्तान कहने लगे। धीरे -धीरे भारतवर्ष को हिन्दुस्तान और देश के सभी वासियों को हिन्दू कहने लगे। मुस्लिम हुकूमत के दौरान सिक्ख, जैन, बौद्ध अन्य जातियों आदि को भी हिन्दू मान लिया गया।               अब हिन्दू कौन है :-       अब निम्न दो प्रकार के लोगों को हिन्दू माना जाता है -    (1) जन्म से हिन्दू :-                     निम्नलिखित व्यक्ति जन्म से हिन्दू माने जाते हैं -       (क)  हिन्दू माँ -बाप की औलाद --- ऐसी औलादें जिनके माँ -बाप दोनों ही हिन्दू हों, हिन्दू मानी जाती हैं। भले ही ऐसी औलादें धर्मज हों या अधर्मज

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