Reservation under Constitution -आरक्षण सम्बन्धी संवैधानिक उपबन्ध -
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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15-16, 330-331, 333 तथा 334 के अधीन आरक्षण सम्बन्धी उपबंधों की विवेचना की गई है। जो निम्न प्रकार है --
अनुच्छेद 15 --धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म -स्थान के आधार पर विवेध का प्रतिषेध - (1) राज्य किसी भी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्म -स्थान या इनमें से किसी आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
(2) कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्म -स्थान या इनमें से किसी भी आधार पर ---
(क) दुकानो, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश ,या
(ख) पूर्णतः या भागतः राज्य निधि से पोषित या साधारण जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुऔं, तालाबों, स्नानघाटों, सडकों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग के समबन्ध में किसी निर्योग्यता, दायित्व, निर्बन्धन या शर्त के अधीन नहीं होगा।
(3) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को स्त्रियों और बालकों के लिए कोई विषेश उपबन्ध करने से निवारित नहीं करेगी।
(4) इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 29 (2) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछडे हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विषेश उपबन्ध करने से निवारित नहीं करेगी।
(5) राज्य सरकारी या गैर -सरकारी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए विषेश उपबन्ध बना नहीं सकते हैं।
अनुच्छेद 16 --लोक नियोजन में अवसर की समता --
(1) राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से समबन्धित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समता होगी।
(2) कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्म -स्थान के या निवास अथवा इनमें से किसी भी आधार पर राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के समबन्ध में अपात्र नहीं होगा।
(3) इस अनुच्छेद कोई भी बात संसद को किसी राज्य के निवासियों के लिए राज्य के किन्हीं पदों को आरक्षित करने से निवारित नहीं करेगी।
(4) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछडे हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की सेवा में पर्याप्त नहीं है नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए उपबन्ध करने से निवारित नहीं करेगी।
(4क) यह राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सरकारी सेवाओं में प्रोन्नति में आरक्षण करने की शक्ति प्रदान करता है।
(4ख) इसमें प्रावधान है कि किसी वर्ष आरक्षित रिक्तियों के न भरे जाने पर अगले वर्ष वह पृथक रिक्ति मानी जायेंगी और ऐसी रिक्तियों पर 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा लागू नही होगी।
अनुच्छेद 341 और 342 राष्ट्रपति को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को विनिर्दिष्ट करने की शक्ति प्रदान करता है।
अनुच्छेद 330 और 332 के अधीन लोक सभा और राज्य की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थान आरक्षित किए जाने का उपबन्ध किया गया है
अनुच्छेद 334 द्वारा यह उपबन्ध किया गया था कि लोक सभा और राज्य की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तथा आंगल भारतीय समुदाय के लिए सीटों के आरक्षण का प्राविधान संविधान लागू होने की तिथि से दस वर्ष तक लागू रहेगा।
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