जहां असंज्ञेय अपराध शामिल हैं, मजिस्ट्रेट पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र का संज्ञान नहीं ले सकते

 इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक निर्णय में कहा है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 2 (डी) के अनुसार, जहां असंज्ञेय अपराध शामिल हैं, मजिस्ट्रेट पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र का संज्ञान नहीं ले सकते, इसके बजाय इसे शिकायत के रूप में माना जाना चाहिए। न्यायमूर्ति सैयद आफताफ हुसैन रिजवी ने विमल दुबे और एक अन्य द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 482  के अंतर्गत दायर याचिका को स्वीकार कर ये निर्णय दिया। आवेदकों के अधिवक्ता ने मुख्य रूप से तर्क दिया कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 323 और 504 के अंतर्गत एक एनसीआर पंजीकृत किया गया था और उसके बाद जांच की गई और आवेदकों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया।  यह तर्क दिया गया कि मजिस्ट्रेट ने पुलिस रिपोर्ट को देखे बिना और कानून के प्रावधानों के खिलाफ अपराध का संज्ञान लिया, क्योंकि धारा 2 (डी) सीआरपीसी के अनुसार, यदि जांच के बाद पुलिस रिपोर्ट में असंज्ञेय अपराध का खुलासा होता है, तो यह शिकायत के रूप में माना जाना चाहिए और जांच अधिकारी/पुलिस अधिकारी को शिकायतकर्ता माना जाएगा और शिकायत मामले की प्रक्रिया का पालन किया जाना है। धारा 2(डी) सीआरपीसी के प्रावध

भारत में विवाह का पंजीकरण कैसे कराएं

 विवाह  प्रमाण पत्र

 यदि आप विवाह प्रमाण पत्र बनवाना चाहते हैं तो उसके लिए विवाह पंजीकरण करवाना आवश्यक हैं । उसके लिए आपको अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इससे समय और धन दोनों की बचत होगी तथा भाग दौड़ से भी बचा जा सकता है। इसके लिए आप ऑफलाइन आवेदन कर सकते  हैं। विवाह पंजीकरण कराने के लिए आपको एक निर्धारित शुल्क  भी अदा करना होगा। यदि आप समय से विवाह पंजीकरण नहीं करवाते हैं तो आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है। यह शास्ति की राशि अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग निर्धारित की गई है।

विवाह पंजीकरण का उद्देश्य

जैसे कि  सभी लोग जानते हैं कि शादी के बाद कुछ महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे कि घरेलू हिंसा, बाल विवाह, पति की मृत्यु हो जाने पर पति के रिश्तेदारों द्वारा घर से निकाला जाना आदि। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए भारत सरकार द्वारा विवाह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है ताकि महिलाओं के साथ होने वाले इस दुर्व्यवहार को रोका जा सके। अब सभी धर्म के नागरिकों को यह पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।

विवाह पंजीकरण के लाभ तथा विशेषताएं

 1.विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु विवाह पंजीकरण आवश्यक है।

2.यह पंजीकरण करवाना सभी विवाहित जोड़ों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

3.विवाह प्रमाण पत्र के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जा सकती है।

4.अब हर धर्म के नागरिकों को विवाह प्रमाण पत्र बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है।

5.इस प्रमाण पत्र के माध्यम से कई अन्य अभिलेख बनवाए जा सकते हैं।

६.यदि विवाह प्रमाण पत्र बनवाना चाहते हैं तो आपको अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

7.आप विवाह पंजीकरण ऑफलाइन  भी करवा सकते हैं।

8.विवाह पंजीकरण करवाने के लिए सभी को एक निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा।

९. समय से पंजीकरण नहीं करवाने को  जुर्माने का भी भुगतान करना होगा।

10. पति की मृत्यु हो जाने पर पत्नी को विवाह प्रमाण पत्र के माध्यम से सारे अधिकार प्राप्त होंगे।

11.नागरिकता प्राप्त करने के लिए भी इस प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।

12.विवाह पंजीकरण के माध्यम से बाल विवाह में भी रोक लगाई जा सकेगी।

विवाह पंजीकरण 2022 की पात्रता

आवेदक पुरुष की आयु 21 वर्ष तथा महिला की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।

आवेदक या फिर आवेदक का पति या पत्नी भारत का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।

विवाह पंजीकरण विवाह के 1 महीने के अंदर करवाना अनिवार्य है।

यदि वर या वधू में से कोई विवाह विच्छेदित है तो उसको विवाह विच्छेदित प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है।

  पंजीकरण आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

पति तथा पत्नी का आधार कार्ड।

पता सबूत के लिये राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र,पासपोर्ट आदि।

आयु प्रमाण पत्र के लिए कक्षा दस का अंक पत्र या जन्म प्रमाण पत्र।

दोनों के पासपोर्ट साइज फोटो।

विवाह की एक जॉइंट फोटो।

विवाहित प्रमाण पत्र  के लिए  ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

 प्रमाण पत्र के लिए सबसे पहले आवेदक को अपने राज्य सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

उसके बाद आवेदक को स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग के होमपेज पर दिए गए विवाह पंजीकरण विकल्प के अंतर्गत दिए गए आवेदन करें के ऑपशन को दबाना है।


क्लिक करते ही  विवाह पंजीकरण के साथ एक नया टैब खुल जाएगा।

अब पति और पत्नी का आधार नंबर OTP के द्वारा वेरीफिकेशन करना होगा।

इसके बाद आवेदक के सामने एक टैब खुलेगा, जो कि  विवाह ऑनलाइन आवेदन पत्र होगा।

आवेदक को इस आवेदन पत्र में पूछी गयी सभी अपनी सूचनाएं ध्यानपूर्वक भरनी है। भरने के बाद सबमिट का विकल्प दबा दें।

फॉर्म भरने के बाद भरी गयी सारी सूचनाएं को एक बार बारीके से जांच लें। फिर आप फाइनल लॉक कर दें। जिसके बाद आपसे सामने भुगतान का विकल्प आएगा। आपको यह प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 50 रूपए का भुगतान करना है। इसके बाद आपका विवाह प्रमाण पत्र के बनानेकी कार्यवाही शुरू हो जाएगी।

इसके बाद आपको विवाह पंजीकरण के प्रिंट ऑउट का आवेदन नंबर और आवश्यक अभिलेख लेकर अपने क्षेत्र की तहसील में जाना है। वहां जाकर आपको उनका सत्यापन करवाना है।

आवेदन करने के कुछ समय बाद ही आपका आवेदन पत्र बनकर आ जाएगा।

विवाह का कार्ड।

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