वैवाहिक विवाद में समझौते पर खत्म हो सकता है मुकदमा
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वैवाहिक विवाद में समझौते पर खत्म हो सकता है मुकदमा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला
वैवाहिक विवाद में समझौते पर खत्म हो सकता है मुकदमा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि वैवाहिक विवाद जैसे निजी विवादों में पक्षकारों के बीच समझौता होने पर मुकदमा समाप्त किया जा सकता है। लेकिन जहां गंभीर प्रकृति का अपराध है।
वैवाहिक विवाद में समझौते पर खत्म हो सकता है मुकदमा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि वैवाहिक विवाद जैसे निजी विवादों में पक्षकारों के बीच समझौता होने पर मुकदमा समाप्त किया जा सकता है। लेकिन जहां गंभीर प्रकृति का अपराध है, वहां पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर मुकदमे को समाप्त नहीं किया जा सकता।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने वरुण प्रसाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने आगरा के दंपती के बीच लंबित वैवाहिक विवाद में समझौता हो जाने के आधार पर पति के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे की कार्रवाई समाप्त कर दी। याची का पत्नी से वैवाहिक विवाद चल रहा था। याची के खिलाफ आगरा के महिला थाने में दहेज उत्पीड़न, मारपीट आदि का मुकदमा दर्ज कराया गया था। बाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। हाईकोर्ट के निर्देश पर आगरा की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने समझौते की पुष्टि कर दी।
याचिका में कहा गया कि विवाद पूरी तरह निजी है और पक्षकारों के बीच समझौता हो चुका है, जिसकी पुष्टि मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी कर दी है। ऐसे में याची के विरुद्ध मुकदमा जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट के समक्ष डिंपी गुजराल व अन्य तमाम मुकदमों की नजीर पेश करके कहा गया कि सामान्य विवाद में पक्षकारों के बीच समझौता होने की स्थिति पर मुकदमे की कार्रवाई समाप्त की जा सकती है। सिर्फ हत्या, लूट, डकैती, रेप जैसे गंभीर अपराध जो कि न सिर्फ किसी एक व्यक्ति के विरुद्ध बल्कि पूरे समाज के विरुद्ध होते हैं, उनमें समझौते के आधार पर मुकदमे की कार्रवाई समाप्त नहीं की जा सकती। कोर्ट ने विभिन्न न्यायिक निर्णयों का दृष्टांत देते हुए मुकदमे की कार्रवाई समाप्त कर दी
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